
"कभी कभी जीवन ऐसे मोड़ पर आ जाता है जहां से यह तय करना बहुत मुश्किल हो जाता है कि अब किस तरफ जाएं। सामने बहुत सारी राहें, बहुत सारी चुनौतियां, बहुत सारी बाधाएं होती हैं। मन में हज़ारों ख़याल होते हैं। जो एकदम उलझे हुए होते हैं। सब कुछ पास में होते हुए भी एक कमी सी लगती है। मन न जाने क्या ढूंढता रहता है। न जाने किस उधेड़बुन में रहता है। दिमाग में हज़ारों योजनाएं होती हैं। सबकी रूपरेखा हमारे दिमाग में होती है लेकिन कोई काम नहीं हो पाता। एक अजीब से डर का साया सा दिखता है। कभी कभी जीवन इतना दूभर हो जाता है कि हर आती जाती सांस के साथ मन भारी होने लगता है। मन भारी होने से शरीर का भार बढ़ने लगता है, जिसके चलते हम रुकने लगते हैं। थकने लगते हैं। हारने लगते हैं। हमारा दिमाग हमारे मन से मेल नहीं खाता। दिमाग हमारे हित अहित के बारे में सोचता है और मन हमारे आत्मिक शांति अशांति के बारे में। दिमाग की योजनाएं रहती हैं कि हम वह काम करें जो हमारे हित में हो, मन को वो काम करना होता है जो हमें सुख दे । कभी कभी ऐसा लगता है कि हमारे हाथों से सब कुछ छूट रहा है। हमारी पकड़ तेज़ होती है लेकिन ऐसा लगता है कि सब कुछ फिसल रहा है। हम एक अदृश्य डर के घेरे में आने लगते हैं। डर में रहते हुए हमारे सोचने की क्षमता कम होने लगती है। सोचने की क्षमता कम होने से, हम जड़ होने लगते हैं। जड़ होने के बाद हमारी मुट्ठी खुल जाती है, और सब कुछ रेत के जैसे फिसल जाता है। पानी के जैसे बह जाता है। कभी कभी हम अपने आस पास घट रही घटनाओं को स्वीकार नहीं कर पाते। जो भी घट रहा होता है वह या तो हमें काल्पनिक लगता है या तो हम उसे मानने के लिए तैयार नहीं होते हैं। दोनों ही स्थितियां भयावह हैं।" जीवन की इस उलझन में क्या किया जाए, इस उधेड़बुन को कैसे सुलझाया जाए, सब कुछ फिसलने से कैसे बचाया जाए, खुद : को जड़ होने से कैसे बचाया जाए, दिमाग और मन के इस युद्ध को कैसे रोका जाए, तमाम राहों में से कौन सी राह चुनी जाए...... ..? बहुत ढूंढने के बाद भी इन प्रश्नों का कोई उत्तर नहीं मिलता। बहुत देर भटकने के बाद जीवन में यह समझ आता है कि सब कुछ अस्थायी है, और एक दिन सबकुछ बीत जाता है। जीवन की सारी उधेड़बुन, सारा युध्द, सारी पीड़ाएं..... सब एक दिन बीत जाएंगे। जीवन की अनगिनत बाधाएं, पीड़ाएं, उलझनें, अशांतियां ये सब हमारे धैर्य की परीक्षक हैं। जब तक हमारे पास धैर्य है, जीवन सरल बना रहेगा। धैर्य ही हमें, हमारे सारे प्रश्नों का उत्तर देगा............... (कुछ कॉपी कुछ जोड़ा है )
This post was published on 30th March, 2023 by Shankar on his Instagram handle "@_abhay_agrwal (Abhay Agrawal)". Shankar has total 1.6K followers on Instagram and has a total of 110 post.This post has received 49 Likes which are lower than the average likes that Shankar gets. Shankar receives an average engagement rate of 3.45% per post on Instagram. This post has received 0 comments which are lower than the average comments that Shankar gets. Overall the engagement rate for this post was lower than the average for the profile.